अगर आपने भी Sahara India में अपनी मेहनत की कमाई निवेश की थी और अब तक एक भी पैसा वापस नहीं मिला है, तो आप अकेले नहीं हैं। पूरे देश में लाखों निवेशक Sahara India Refund 2025 का इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों ने Sahara Refund Portal के ज़रिए आवेदन किया, लेकिन 45 दिन बीतने के बाद भी उनके खाते में पैसा नहीं आया। यह स्थिति बेहद निराशाजनक है, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले ने इन सभी निवेशकों को फिर से एक नई उम्मीद दी है। अब अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सहारा समूह को निवेशकों का पैसा लौटाना ही होगा — चाहे प्रॉपर्टी बेचकर हो या कानूनी कार्रवाई के ज़रिए। इसलिए अगर आपका भी पैसा अब तक नहीं आया है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है।
Sahara Refund Portal पर 45 दिन हो गए लेकिन रिफंड नहीं आया – अब क्या करें?
अगर आपने Sahara Refund Portal पर सभी दस्तावेजों और सही जानकारी के साथ आवेदन किया था लेकिन 45 दिन बीत जाने के बाद भी पैसा आपके बैंक खाते में नहीं आया, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह समस्या सिर्फ आपके साथ नहीं हुई है, बल्कि देशभर में हजारों निवेशक इसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। सरकार ने शुरुआत में दावा किया था कि सभी पात्र आवेदकों को 45 कार्यदिवस के भीतर पैसा लौटा दिया जाएगा। लेकिन वास्तविकता में कई मामलों में तकनीकी खामियाँ, अपूर्ण या गलत जानकारी, और दस्तावेजों में त्रुटियाँ पाई गई हैं, जिसकी वजह से रिफंड की प्रक्रिया अटक गई है।
जब आप पोर्टल पर आवेदन करते हैं, तो सिस्टम आपके दस्तावेजों की वैधता और विवरणों की पुष्टि करता है। यदि इस प्रक्रिया के दौरान कोई गड़बड़ी पाई जाती है – जैसे कि सदस्यता संख्या गलत हो, आधार कार्ड बैंक से लिंक न हो, या अपलोड किया गया डॉक्यूमेंट अस्पष्ट हो – तो आपका आवेदन होल्ड पर चला जाता है। इस स्थिति में पोर्टल की ओर से आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर एक नोटिफिकेशन भेजा जाता है जिसमें बताया जाता है कि क्या गलती हुई है और कैसे उसे सुधारा जा सकता है।
दुर्भाग्य से, बहुत से लोग वह ईमेल चेक ही नहीं करते और फिर मान लेते हैं कि सरकार पैसा नहीं दे रही। इसलिए अगर आपको 45 दिन से अधिक हो गए हैं और कोई रिफंड नहीं आया है, तो सबसे पहले अपने ईमेल इनबॉक्स (और स्पैम फोल्डर) को ध्यान से चेक करें और यदि कोई त्रुटि मिली है, तो उसे सुधारकर दोबारा आवेदन करें।
Sahara Refund Form Reapply कैसे करें? जानिए Step by Step Process
- पोर्टल खोलें – जाएं mocresubmit.crcs.gov.in पर
- Resubmission Login चुनें – CRN और कैप्चा डालें
- OTP वेरिफाई करें – रजिस्टर्ड मोबाइल पर भेजा गया कोड डालें
- फॉर्म एडिट करें – गलती या छूटे हुए डेटा को सुधारें
- डॉक्युमेंट अपलोड करें – सदस्यता रसीद, आधार, बैंक डिटेल्स, PAN (₹50K+ पर)
- जानकारी जांचें – फॉर्म सबमिट से पहले रिव्यू करें
- फॉर्म जेनरेट करें – Resubmission Claim Form डाउनलोड करें
- हस्ताक्षर और फोटो लगाएं – फिर से स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करें
- फाइनल सबमिट करें – और नया CRN नोट करें
- ईमेल और स्टेटस चेक करते रहें – किसी गलती पर ईमेल से अपडेट मिलेगा
Sahara Refund Documents List: कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
- सदस्यता प्रमाण पत्र / जमा रसीद
- बैंक पासबुक या स्टेटमेंट (जिसमें IFSC कोड और खाता संख्या साफ हो)
- आधार कार्ड (बैंक से लिंक होना अनिवार्य)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पैन कार्ड (यदि रिफंड ₹50,000 से अधिक है)
- Self Declaration Form (फॉर्म के साथ जेनरेट होता है)
- साफ स्कैन किया गया सिग्नेचर
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल ID
सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश: अब Sahara Group को पैसा लौटाना ही होगा
Sahara India Refund 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर 2024 को एक बड़ा और निर्णायक आदेश जारी किया है। अदालत ने साफ-साफ कहा है कि अब Sahara Group अपनी अटकी हुई संपत्तियाँ बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाएगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी संपत्ति सर्किल रेट से कम कीमत पर नहीं बेची जा सकती। अगर किसी संपत्ति को बाजार मूल्य से कम पर बेचना जरूरी हो, तो उसके लिए पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।
यह आदेश केवल एक कानूनी निर्देश नहीं, बल्कि उन करोड़ों लोगों की उम्मीद की किरण है जो सालों से अपने पैसों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि Sahara Group की संपत्तियों की बिक्री से जो रकम इकट्ठा होगी, वह सीधे SEBI–Sahara Refund Account में जमा की जाएगी — यही वह खाता है जहां से पात्र निवेशकों को उनका रिफंड ट्रांसफर किया जाएगा।
इसके अलावा, 5 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एक और कड़ा कदम उठाया, जिसमें Sahara Group को 15 दिनों के भीतर ₹1,000 करोड़ रुपये एक विशेष Escrow Account में जमा करने का आदेश दिया गया। साथ ही एक जॉइंट वेंचर डील कोर्ट में पेश करनी होगी। यदि सहारा यह शर्तें पूरी नहीं करता, तो कोर्ट को यह अधिकार होगा कि वह खुद मुंबई के वर्सोवा इलाके में स्थित 1.21 करोड़ वर्ग फुट जमीन को “जहां है जैसी है” आधार पर बेच सके — और वह रकम निवेशकों के रिफंड में सीधे इस्तेमाल की जाएगी।
अब मामला पूरी तरह स्पष्ट है — या तो Sahara Group कोर्ट के आदेश का पालन करे, या फिर कोर्ट संपत्तियाँ बेचकर खुद रिफंड सुनिश्चित करेगा। इस बार देरी की कोई गुंजाइश नहीं बची है, और देश के लाखों निवेशकों को अब वास्तव में पैसा मिलना शुरू हो सकता है।
Sahara Properties की बिक्री से होगा ₹10,000 करोड़ रिफंड – पूरी डील जानिए
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, Sahara Group अब अपनी संपत्तियाँ बेचकर ₹10,000 करोड़ रुपए की वसूली करेगा, जिससे देशभर के करोड़ों निवेशकों को रिफंड दिया जा सके। कोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि जितनी भी संपत्तियाँ बेची जाएंगी, उनकी बिक्री सर्किल रेट से कम पर नहीं होनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सहारा की प्रॉपर्टी औने-पौने दाम पर न जाए और निवेशकों का पूरा पैसा सही मूल्य पर वसूला जाए।
इस आदेश के तहत Sahara Group की दर्जनों अटकी संपत्तियाँ अब बाजार में बेची जाएंगी, और इनकी बिक्री से जो भी फंड मिलेगा, वह सीधे SEBI–Sahara Refund Account में जमा होगा। यही वह खाता है, जिसके ज़रिए पात्र निवेशकों को रिफंड ट्रांसफर किया जा रहा है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर सहारा किसी संपत्ति को सर्किल रेट से कम दाम पर बेचना चाहता है, तो उसे पहले कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। इसका मकसद यह है कि Sahara Property Sell की प्रक्रिया पारदर्शी हो और निवेशकों को एक-एक पैसा वापस मिले।
इस समय Sahara Group के पास बड़ी संख्या में प्रॉपर्टीज़ हैं, जिनमें कमर्शियल बिल्डिंग्स, प्लॉट्स और हाई-वैल्यू रियल एस्टेट शामिल हैं। इनकी कुल वैल्यू ₹10,000 करोड़ से ज्यादा आंकी गई है। इन्हीं को बेचकर रिफंड का फंड तैयार किया जाएगा।
इस प्रक्रिया में सरकार, सेबी और सुप्रीम कोर्ट लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि कोई गड़बड़ी या देरी न हो और रिफंड सिस्टम समय पर काम करे।
Escrow Account क्या होता है? सहारा को ₹1000 करोड़ जमा करने का आदेश
Escrow Account Sahara Refund प्रक्रिया में एक बेहद अहम भूमिका निभा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर 2024 को Sahara Group को सख्त निर्देश देते हुए आदेश दिया कि वह ₹1000 करोड़ की रकम एक विशेष Escrow Account में 15 दिनों के भीतर जमा करे। यह फैसला उन करोड़ों निवेशकों के लिए राहत लेकर आया है, जिनका पैसा लंबे समय से अटका हुआ है।
Escrow Account क्या होता है?
Escrow Account एक ऐसा सुरक्षित बैंक खाता होता है जिसे तीसरी पार्टी (Third Party) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसमें जमा की गई राशि तब तक वहीं रहती है जब तक संबंधित शर्तें पूरी नहीं हो जातीं। इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने यह खाता बनवाया है ताकि Sahara Group द्वारा जमा की गई रकम पर किसी तरह का बाहरी नियंत्रण या गड़बड़ी न हो सके।
क्यों सहारा को ₹1000 करोड़ इस खाते में जमा करने पड़े?
- कोर्ट ने Sahara Group को आदेश दिया है कि वह एक Joint Venture Deal फाइनल करे और उस डील के तहत ₹1000 करोड़ इस Escrow Account में डाले।
- अगर तय समयसीमा में यह राशि जमा नहीं होती, तो कोर्ट को यह अधिकार होगा कि वह खुद Sahara की वर्सोवा (मुंबई) स्थित 1.21 करोड़ वर्ग फुट जमीन को बेच सके — और उससे मिली राशि को सीधे निवेशकों को लौटाने में इस्तेमाल करे।
Escrow Account का उद्देश्य क्या है?
- पैसे की सुरक्षा: कोई भी पक्ष सीधे पैसे को छू नहीं सकता
- न्यायिक नियंत्रण: कोर्ट जब तक संतुष्ट न हो, पैसे का उपयोग नहीं किया जाएगा
- निवेशकों की गारंटी: यदि Sahara Group फेल होता है, तो कोर्ट खुद पैसा जारी कर सकता है
FAQ
1. Sahara Refund का पैसा कब मिलेगा?
सही दस्तावेज़ देने पर 45 कार्यदिवस में पैसा मिल सकता है।
2. Sahara Refund Portal पर दोबारा आवेदन कैसे करें?
CRN नंबर से लॉगिन करें, OTP डालें, गलती सुधारें और फॉर्म फिर से सबमिट करें।
3. Sahara Refund के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए?
सदस्यता रसीद, आधार, बैंक पासबुक, फोटो, और ₹50,000 से ऊपर के लिए पैन कार्ड।
4. Sahara Refund का स्टेटस कैसे चेक करें?
पोर्टल पर लॉगिन करें और “Track Application” सेक्शन में स्टेटस देखें।
5. अगर 45 दिन में पैसा नहीं आए तो क्या करें?
ईमेल चेक करें, त्रुटि सुधारें और पोर्टल पर फिर से आवेदन करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
Sahara India Refund 2025 को लेकर अब स्थिति पहले से काफी साफ़ हो चुकी है। Supreme Court के सख्त आदेशों के बाद सहारा ग्रुप पर दबाव है कि वह अपनी संपत्तियाँ बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाए। यदि आपने Sahara Refund Portal पर सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आवेदन किया है, तो आपके पैसे मिलने की संभावनाएं अब पहले से कहीं ज़्यादा हैं।
जो लोग 45 दिन बाद भी रिफंड नहीं पा सके हैं, उनके लिए दोबारा आवेदन की सुविधा दी गई है, ताकि कोई भी पात्र निवेशक पैसा पाने से वंचित न रह जाए। सरकार, SEBI और कोर्ट तीनों मिलकर इस प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज़ बनाने में जुटे हैं।
अब वक्त है सही जानकारी, सही दस्तावेज़ और धैर्य के साथ एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का। उम्मीद है कि Sahara Refund अब सिर्फ वादा नहीं, हकीकत में आपके बैंक अकाउंट तक पहुंचेगा